A Secret Weapon For Shodashi
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You will find many great things about chanting the Shodashi Mantra, out of which The key kinds are outlined underneath:
षट्कोणान्तःस्थितां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥६॥
चक्रेश्या पुर-सुन्दरीति जगति प्रख्यातयासङ्गतं
कन्दर्पे शान्तदर्पे त्रिनयननयनज्योतिषा देववृन्दैः
साशङ्कं साश्रुपातं सविनयकरुणं याचिता कामपत्न्या ।
शैलाधिराजतनयां शङ्करप्रियवल्लभाम् ।
षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि click here जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या
Shodashi’s mantra aids devotees release earlier grudges, soreness, and negativity. By chanting this mantra, individuals cultivate forgiveness and psychological release, advertising relief and the ability to go forward with grace and acceptance.
हस्ते चिन्मुद्रिकाढ्या हतबहुदनुजा हस्तिकृत्तिप्रिया मे
The Tripurasundari temple in Tripura condition, locally generally known as Matabari temple, was initially Established by Maharaja Dhanya Manikya in 1501, although it was possibly a spiritual pilgrimage website For most centuries prior. This peetham of electricity was to begin with meant to certainly be a temple for Lord Vishnu, but due to a revelation which the maharaja had inside a aspiration, He commissioned and set up Mata Tripurasundari in its chamber.
लक्ष्मी-वाग-गजादिभिः कर-लसत्-पाशासि-घण्टादिभिः
The worship of Tripura Sundari is actually a journey towards self-realization, where by her divine beauty serves as being a beacon, guiding devotees to the ultimate fact.
The worship of Goddess Lalita is intricately connected with the pursuit of both equally worldly pleasures and spiritual emancipation.
प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि